Translate

Monday 15 July 2013

CURRENT AFFAIRS & SPECIAL EVENTS OF RAJASTHAN


SPECIAL EVENTS ABOUT RAJASTHAN
CURRENT AFFAIRS OF RAJASTHAN 



सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस’-2 का पोकरण के चांधन फायरिंग रेंज में सफल परीक्षण

भारतीय सेना ने जमीन से जमीन पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोसके वर्जन-2 का रविवार 4 मार्च को पोकरण स्थित चांधन फायरिंग रेंज में परीक्षण किया। इस परीक्षण में मिसाइल ने पाकिस्तान सीमा के निकट स्थित अजासर गांव में बनाए गए काल्पनिक ठिकाने पर निशाना भेदा। पाक मिसाइल हत्फके परीक्षण के मद्देनजर ब्रह्मोसमिसाइल का पौने सात महीने में यह दूसरा परीक्षण काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारतीय सेना और रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के उच्चाधिकारियों वाइस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल श्रीकृष्णा सिंह तथा डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल एके चौधरी आदि की उपस्थिति में रविवार सुबह 10.30 बजे चांधन फायरिंग रेंज से ब्रह्मोस मिसाइल से निशाना दागा गया। रक्षा प्रवक्ता के अनुसार मिसाइल ने कुछ पलों में अपना निशाना सटीक ढंग से भेद दिया।

इस परीक्षण में मिसाइल से हुए तेज धमाके के साथ एक खेत में रखे चारे में आग लग गई जिसे कुछ ही देर में दमकल की मदद से बुझाया गया। आग से जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।

चांधन फायरिंग रेंज से अजासर की हवाई दूरी करीब 28 किमी व जमीनी दूरी करीब 70 किमी है। अजासर से पाकिस्तान सीमा की दूरी करीब सवा किलोमीटर है। ब्रह्मोस’ 4 मार्च 2007 को ट्रायल के दौरान निशाना चूक गई थी। उसी वर्ष 28 मार्च को इसका दुबारा परीक्षण किया गया जो सफल रहा था। इसके बाद ब्रह्मोस-2’ मिसाइल का 12 अगस्त 2011 को सफल परीक्षण किया गया था।
इस मिसाइल को पहले ही नौसेना में शामिल कर लिया गया है और समुद्री बल के लगभग सभी अग्रिम युद्धपोतों पर यह तैनात की गई है।

ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य-

>
इसकी मारक क्षमता 290 किलोमीटर है।

>
इससे अधिक दूरी की मिसाइल का विकास रूस के साथ मिलकर सम्भव नहीं है इसलिए इस प्रक्षेपास्त्र की क्षमता को 290 किमी ही रखा गया है, क्योंकि रूस अंतरराष्ट्रीय मिसाइल तकनीक नियंत्रण संधि (एमटीसीआर) से जुड़ा है तथा इस संधि के अनुसार वह 300 किमी से अधिक मारक क्षमता वाले प्रक्षेपास्त्र के विकास में अन्य देशों को सहायता नहीं दे सकता है।

>
यह हवा में ही मार्ग बदल सकती है और चलते फिरते लक्ष्य को भी भेद सकती है.

>
इसको वर्टिकल या सीधे कैसे भी लॉंचर से दागा जा सकता है।

>
इतनी अधिक दूरी की क्षमता वाली ब्रह्मोस के एक रेजीमेंट में लगभग 65 मिसाइल, टेट्रा वाहनों पर पांच स्वचालित लांचर तथा दो चल कमांड पोस्ट के साथ अन्य उपकरण होते हैं।

>
इसे ए. शिवथानू पिल्लै की अगुवाई में भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा रूस के संयुक्त उपक्रम वाली कंपनी "ब्रह्मोस कोर्पोरेशन" द्वारा विकसित किया गया है। ब्रह्मोस कोर्पोरेशन कम्पनी भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओ मशीनोस्त्रोयेनिशिया का संयुक्त उपक्रम है।

>
इस मिसाइल का नामकरण दो नदियों ब्रह्मपुत्र और मॉस्क्वा के नाम पर ब्रह्मोस हुआ है।

>
ब्रह्मोस मिसाइल एक सुपरसोनिक क्रुज़ मिसाइल है। क्रुज मिसाइल वह होती है जो कम ऊँचाई पर तेजी से उड़ान भरती है और इस तरह से राडार से बच जाती है। यह मिसाइल 10 मीटर की ऊँचाई पर उड़ान भर सकती है और राडार की पकड़ में नहीं आती है। यह राडार ही नहीं किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा देने में सक्षम है। इसको मार गिराना लगभग असम्भव है

>
ब्रह्मोस भारत एवं रूस के द्वारा विकसित की गई अब तक की सबसे आधुनिक प्रक्षेपास्त्र प्रणाली है और इसने भारत को मिसाइल तकनीक में अग्रणी देश बना दिया है।

>
इसे जमीन से, हवा से, पनडुब्बी से, जहाज से अर्थात कहीं से भी दागा जा सकता है। अतः यह मिसाइल तकनीक थलसेना, जलसेना और वायुसेना तीनों के काम आ सकती है।

>
यह मेनुवरेबल तकनीक पर कार्य करती है अर्थात दागे जाने के बाद अपने लक्ष्य तक पहुँचने से पहले मार्ग को बदलने की क्षमता रखती है। उदाहरण के लिए टैंक से छोड़े जाने के बाद लक्ष्य तक पहुँचते पहुँचते यदि उसका लक्ष्य मार्ग बदल ले तो यह मिसाइल भी अपना मार्ग बदल लेती है और उसे निशाना बनाती है।

>
ब्रह्मोस अमरीका की टॉम हॉक से लगभग दुगनी अधिक तेजी से वार कर सकती है, इसकी मारक क्षमता भी टॉम हॉक से अधिक है।

>
उक्त कंपनी निकट भविष्य में पनडुब्बी से प्रक्षेपित होने वाले, वायु से प्रक्षेपित होने वाले मिसाइल के एक हाइपर-सोनिक संस्करण को विकसित करने की दिशा में भी काम कर रही है।



10.97 प्रतिशत रहा प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद

राज्यपाल शिवराज पाटील ने विधानसभा के सत्र में अपने अभिभाषण में कहा है कि राजस्थान का सकल राज्य घरेलू उत्पाद और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि दर राष्ट्रीय स्तर से अधिक रहे है। देश का सकल राज्य घरेलू उत्पादन 8.39 प्रतिशत की दर से बढ़ा है, जबकि राज्य का 10.97 प्रतिशत रहा है। राज्य में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय स्तर पर 6.35 प्रतिशत के मुकाबले राज्य में 9.39 प्रतिशत की दर से बढ़ी है।


राजस्थान विशेष न्यायालय विधेयक 2012 के प्रारूप का मंत्रिमंडल में अनुमोदन

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में राजस्थान विशेष न्यायालय विधेयक 2012 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया, जिसमें आय से अधिक संपत्ति को कुर्क करने का प्रावधान रखा गया है।
इस विधेयक के माध्यम से प्रदेश में भ्रष्टाचार पर प्रभावी तरीके से अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ी पहल की है। प्रस्तावित विधेयक में भ्रष्टाचार के प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के साथ ही आय से अधिक अर्जित संपति की कुर्की कर उसको राजकीय सम्पति घोषित करने का प्रावधान शामिल है। इसके अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रदेश में कार्यरत 6 विशिष्ट न्यायालयों के अतिरिक्त सात न्यायालय और सृजित करने की भी व्यवस्था है। सरकार के अधिकारिक सूत्रों ने मंत्रिमंडल बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी को प्रेस को देते हुए बताया कि राज्य सरकार की भ्रष्टाचार निवारण की मंशा की दृष्टि से यह विधेयक मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस विधेयक के माध्यम से भ्रष्टाचार प्रकरणों का निस्तारण एक वर्ष के भीतर करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकेगी।




राजस्थान के रजत चौहान ने तीरंदाजी में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण के साथ रजत भी जीता

राजस्थान के युवा तीरंदाज रजत चौहान ने कॅरिअर के पहले ही अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में दमदार प्रदर्शन करते हुए बैंकॉक में चल रही एशियन ग्रांप्री तीरंदाजी में कंपाउंड मिश्रित टीम का स्वर्ण पदक जीता, जबकि व्यक्तिगत स्पर्धा में रजत पदक अपने नाम किया। मिश्रित टीम में उन्होंने झानू हंसदा के साथ मिलकर फाइनल में म्यांमार की टीम को 151-148 से हराया। व्यक्तिगत स्पर्धा के फाइनल में रजत चौहान हालांकि स्वर्ण पदक के करीब पहुंच गए थे, लेकिन टाईब्रेकर में उन्हें भारत के ही चितिबोमा जिग्नस से हार का सामना करना पड़ा।
रिकर्व वर्ग में भारत के मंगल सिंह चंपिया और चोकरो वेलूस्वुरो को फाइनल में अपने-अपने प्रतिद्वंद्वियों के हाथों शिकस्त से क्रमश: पुरुष व महिला वर्ग में रजत पदक के साथ संतोष करना पड़ा। इस चैंपियनशिप के कंपाउंड वर्ग में शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत ने शनिवार 18 फरवरी को व्यक्तिगत वर्ग में एक स्वर्ण समेत तीन रजत और एक कांस्य पदक जीता। वहीं टीम स्पर्धा में भारत को दो स्वर्ण पदक मिले।

कुंभलगढ़ और सीतामाता अभयारण्य घोषित हो सकते हैं बहु प्रजाति संरक्षण क्षेत्र

कुंभलगढ़ और सीतामाता अभयारण्य को अब बहु प्रजाति संरक्षण क्षेत्र घोषित किया जाएगा। इनके लिए अभी तक फंडिंग कर रही डेनिस सरकार की ओर से गत सप्ताह डेनिडा से साइंटिस्ट दल का दौरा हो चुका है। इस दल ने रिपोर्ट तैयार कर विलुप्त हो रहे पौधों की प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में इन दोनों क्षेत्रों को बहु प्रजाति संरक्षित क्षेत्र घोषित करने के लिए सहमति जताई है। इन दोनों अभयारण्यों को अभी एक-एक प्रजाति के संरक्षण के लिए चुना हुआ है। गौरतलब है कि इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर एंड नेचुरल रिसोर्सेज (आईयूसीएनएनआर) की ओर से विश्व में विलुप्त हो रही पादप तथा जंतु प्रजातियों के संरक्षण की कार्य चल रहा है।
इसी के तहत दक्षिण राजस्थान में भी चार क्षेत्र प्रजातियों के लिए संरक्षित हैं। उक्त टीम में डेनिडा कॉपन हेजल के साइंटिस्ट जी. ग्राउडल, उनके स्टूडेंट, सेवानिवृत आईएएस ऑफिसर डॉ. आर.वी. सिंह ने दौरा किया था।
उक्त दल अपनी रिपोर्ट को आईयूसीएनएनआर और डेनिस सरकार को सौंपेगा। पॉलिसी लेवल पर अनुमति मिलने के बाद विलुप्त हो रही सालम मिस्री, खीप डेल, विदारी कंद, जंगली अदरक सहित 12 पादप प्रजातियां भी संरक्षित हो सकेंगी। अभी तक कुंभलगढ़ अभयारण्य को सालर पौधा और सीतामाता अभयारण्य को चारौली (चिरौंजी) के पौधे के लिए संरक्षित किया गया है।
टीम ने दौरे के दौरान पाया कि इन क्षेत्रों में वे पादप प्रजातियां भी मौजूद हैं, जो विलुप्त हो रही हैं, ऐसे में एक प्रजाति के बजाए इन क्षेत्रों को बहु प्रजाति संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जा सकता है।



Sunday 4 March 2012

बाड़मेर में संभव हो सकता है बहुमूल्य दुर्लभ मृदा तत्वों के खनिजों का खनन

हाल ही में प्रदेश के बाड़मेर जिले की गुढ़ामलानी तहसील में लैंथेनम व सीरियम नामक दुर्लभ खनिजों के भंडार का पता चला है। ये दुनिया में पाए जाने वाले 17 दुर्लभ मृदा तत्व के खनिजों में सम्मिलित हैं।
इनका सबसे बड़ा उत्पादक चीन है। इनका उपयोग एलसीडी व प्लाज्मा डिस्प्ले पैनल, एक्स-रे फिल्म, फ्लोरोसेंट व हैलोजन लैंप बनाने में होता है। इन खनिजों की मात्रा व गुणवत्ता परखने के लिए राज्य सरकार ने कर्नाटक की रामगढ़ मिनरल लिमिटेड को परमिट देने की तैयारी प्रारंभ कर दी है। राज्य सरकार उक्त कंपनी को गुढ़ामलानी तहसील के 77.5 वर्ग किमी. क्षेत्र में खोज व परीक्षण के लिए पट्टा देगी। इस दायरे में खनिज की मात्रा पता लगाने के पश्चात कंपनी माइनिंग लीज के लिए आवेदन कर सकती है। इनके खनन के लिए केंद्रीय खान मंत्रालय से स्वीकृति मिल गई है। खान विभाग के अनुसार अगले तीन से पांच वर्ष में इन खनिजों का उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।
लैंथेनम व सीरियम ऐसे 17 तत्वों में शामिल हैं जो दुर्लभ मृदा तत्व (रेयर अर्थ एलीमेन्ट) कहलाते हैं। ये ज्यादा घनत्व, उच्च गलनांक, उच्च चालकता व उच्च उष्मीय चालकता वाले होते हैं। देश में दुर्लभ मृदा तत्वों के खनिज आंध्रप्रदेश, बिहार, केरल, उड़ीसा, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में पाए जाते हैं। इन तत्वों का उपयोग लैंस, लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले (एलसीडी), प्लाज्मा डिस्प्ले पैनल बनाने के अलावा हाईब्रिड कारों की हाईब्रिड निकल मेटल हाईब्रिड बैटरी, प्रकाश तंतु संचार के काँच, कार्बन आर्क लेंप, कैमरा दूरबीन आदि के लेंस, पेट्रोलियम क्रेकिंग उत्प्रेरक के लिए पेट्रोल व डीजल में फ्यूल ऐडिटिव के रूप में भी होता है।
दवाओं, एंटीसेप्टिक ड्रेसिंग, वाटरप्रूफिंग एजेंट और फंगीसाइड भी इनसे बनाए जाते हैं। वहीं, ये एक्स-रे फिल्म, फ्लोरोसेंट व हैलोजन लैंप बनाने के काम आता है।
विश्व में रेयर-अर्थ तत्वों के ऑक्साइड्स के तकरीबन 15 करोड़ टन के भंडार हैं। इनमें से 8.9 करोड़ टन तो अकेले चीन में ही हैं। उसके रूस, अमेरिका और भारत में रेयर अर्थ तत्व ऑक्साइड्स के बड़े भंडार मौजूद हैं। इनकी मांग उन देशों में ज्यादा है जहां ऑटोमोटिव कैटेलिस्ट सिस्टम, फ्लोरोसेंट लाइटिंग ट्यूब और डिस्प्ले पैनल बनाए जाते हैं। इन्हीं तत्वों की बदौलत चीन बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक आइटम टेब्लेट पीसी, मोबाइल, एलसीडी, कैमरे आदि बनाता है। माना जाता है कि वर्ष 2015 तक चीन दुनिया के कुल रेयर अर्थ के उत्पादन का 60 प्रतिशत भाग काम में ले रहा होगा। दुर्लभ मृदा तत्व ऐसा प्रमुख खनिज है, जिसका इस्तेमाल ग्रीन टेक्नोलॉजी प्रोडक्शन और सूक्ष्म हथियारों में होता है। इलेक्ट्रिक कार हों या फिर अति परिष्कृत सूक्ष्म मिसाइल-लगभग सभी इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में उत्पादन के दौरान इन तत्वों का इस्तेमाल होता है।
एक अनुमान के अनुसार दुनिया में दुर्लभ मृदा तत्व का कुल भंडार 88 मिलियन टन का है जिनमें से चीन का 36 मिलियन टन दुर्लभ मृदा तत्वों पर नियंत्रण है जो कि अमेरिका (13 मिलियन टन) और रूस (19 मिलियन टन) के संयुक्त भंडार से भी अधिक है
'ग्रेट वूमन अचीवर्स अवार्ड' में उदयपुर की तैराक भक्ति शर्मा को

टेलीविजन एकेडमी व केल्वीनेटर कम्पनी की ओर से मुम्बई के अंधेरी में हाल ही में 'ग्रेट वूमन अचीवर्स अवार्ड' से उदयपुर की अंतर्राष्ट्रीय तैराक भक्ति शर्मा तथा उनकी माँ व कोच श्रीमती लीना को सम्मानित किया गया। अवार्ड समारोह में लीना शर्मा ने मंच पर अपने पति चन्द्रशेखर को यह अवार्ड समर्पित किया। इस कार्यक्रम का प्रसारण चार मार्च को शाम 5 बजे सोनी टीवी पर होगा। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट कार्य करने वाली कुल 25 महिलाओं को पुरस्कृत किया गया।


हिन्दुस्तान जिंक को प्रतिष्ठित सीएसआर एक्सीलेन्स अवार्ड 2011-12

वेदान्ता समूह की कम्पनी हिन्दुस्तान जिंक को ग्रामीण व सामाजिक विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रतिष्ठित औद्योगिक संस्था एसोचैम ने सीएसआर एक्सीलेन्स अवार्ड 2011-12 दिया है। जिंक को यह सम्मान केन्द्रीय कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्री वीरप्पा मोइली ने नई दिल्ली के होटल ली-मेरीडियन में दिनांक 15 फरवरी को प्रदान किया। पुरस्कार जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अखिलेश जोशी ने प्राप्त किया। गौरतलब है कि जिंक ने अपने सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों से राजस्थान के लगभग 200 गांवों में विकास के महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। तकरीबन 1 लाख 80 हजार बच्चों को नियमित दोपहर भोजन उपलब्ध करवाया है व कृषि विकास, जल प्रबन्धन एवं स्वास्थ्य तथा गांवों में सामुदायिक विकास सुनिश्चित करने संबंधी कार्य किए। गांवों में नियमित स्वास्थ्य चिकित्सा शिविर लगा कर कम्पनी ने गांवों में चिकित्सा की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई।

जयपुर में बनेगा उत्कृष्ट खेल प्रशिक्षण केन्द्र

राज्य में खेलों का प्रथम एडवांस कोचिंग सेंटर जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में विकसित किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए भारत सरकार के केंद्रीय खेल मंत्रालय ने 20 करोड़ रुपए व्यय करने की मंजूरी दे दी है।
राज्य सरकार ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति देते हुए इसे केंद्रीय खेल मंत्रालय को भिजवा दिया है। अगले कुछ दिनों में इस प्रोजेक्ट पर काम प्रारंभ हो जाएगा। प्रोजेक्ट को अंतिम रूप देने के लिए 21 22 फरवरी को नई दिल्ली में मीटिंग होगी, जिसमें शासन सचिव (खेल) रोहित कुमार सिंह राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे।
प्रस्तावित केंद्र की विशेषताएँ-
>
सेंटर की विशेषता इसका स्पोर्ट्स हॉस्टल होगा, जिसमें 200 खिलाड़ियों के आवास की व्यवस्था होगी। इसके लिए खेल विभाग ने स्टेडियम के पास ही पांच एकड़ जमीन चिह्नित की है। इस जमीन के लिए यूडीएच विभाग को प्रस्ताव भिजवा दिया गया है जिस पर इसी साल निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा। अभी जयपुर में ऐसा हॉस्टल नहीं है, जिस कारण विभिन्न शिविर या टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ियों के आवास की समस्या बनी रहती है।
>
भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) उपलब्ध कराएगा कोचिंग सुविधाएं :
प्रोजेक्ट के तहत साई कोचिंग की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। कोचों की नियुक्ति भी साई ही करेगा। साथ ही यहां राष्ट्रीय स्तर के शिविर आयोजित होंगे। इसके अलावा स्टेडियम में रखरखाव व संचालन का काम भी साई ही करेगा। स्टेडियम का मालिकाना हक राजस्थान खेल परिषद का रहेगा। इस बारे में इसी महीने एमओयू पर साइन हो जाएगा।
>
प्रोजेक्ट के तहत स्टेडियम में पहले से मौजूद मैदानों को अपग्रेड करके विश्व स्तरीय बनाया जाएगा। साथ ही नई सुविधाएं भी विकसित होंगी। मुख्य रूप से 8-10 खेलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इनमें एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, टेनिस व वॉलीबॉल प्रमुख हैं। ऐसे सेंटर वर्तमान में भोपाल, कोलकाता व हैदराबाद में हैं।




महाराणा मेवाड़ अलंकरण सम्मान की हुई घोषणा- समारोह होगा 26 को
महत्वपूर्ण समसामयिक सामान्य ज्ञान
Important Current affair GK

महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउंडेशन, उदयपुर के 31 वें वार्षिक सम्मान समर्पण समारोह 2012 के अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्र स्तरीय अलंकरणों की घोषणा कर दी गई है। ये अलंकरण आगामी 26 फरवरी को फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी पूर्व महाराणा श्री अरविंद सिंह मेवाड़ द्वारा उदयपुर में दिए जाएँगे।

>
इन सम्मानों में अंतर्राष्ट्रीय "कर्नल जेम्स टॉड अलंकरण सम्मान" शोधकर्ता एवं लेखक डॉ. एंड्रयू टॉप्सफिल्ड को प्रदान किया जाएगा। इसके तहत एक लाख 11 हजार एक रुपए नकद, रजत तोरण, शॉल एवं प्रशस्ति पत्र भेंट किए जाएंगे। भारत के प्रति सार्वभौम स्थाई मूल्यों की स्थापना के की जाने वाली सेवाओं के उपलक्ष्य में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिवर्ष दिया जाने वाला कर्नल जेम्स टॉड अलंकरण डॉ. एन्ड्रयू टॉप्सफिल्ड को भारत और विशेषत: राजस्थान मेवाड़ की चित्रकारी पर शोध एवं लेखन कर अनेक पुस्तकों के माध्यम से भारतीय एवं विदेशी शोधकर्ताओं को नई दिशा देने हेतु दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार-

>
पत्रकारिता के क्षेत्र "हल्दीघाटी अलंकरण सम्मान" प्रसिद्ध पत्रकार द्वय हरिन्दर बावेजा व गुलाब कोठारी को प्रदान किया जाएगा। 26/11 मुम्बई हमले के बाद लाहौर-पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैय्यबा के आकाओं से बेबाक साक्षात्कार कर उन्हें मुम्बई त्रासदी का आईना दिखाने वाली टुडे हेडलाईन्स न्यूज चैनल की पत्रकार हरिन्दर बावेजा को एवं राजस्थान पत्रिका के प्रधान सम्पादक डॉ. गुलाब कोठारी को हिन्दी पत्रकारिता एवं भारतीय दर्शन के चिन्तनपरक लेखन से चारित्रिक एवं नैतिक मूल्यों के संवर्धन में योगदान के लिए यह अलंकरण प्रदान किए जाएँगे।

>
साम्प्रदायिक सद्भाव, देशप्रेम, राष्ट्रीय एकता व अखण्डता के क्षेत्र में स्थाई सेवाओं के लिए दिया जाने वाला राष्ट्रीय स्तर का "हकीम खाँ सूर अलंकरण" सिने जगत के युवा फिल्म अभिनेता राहुल बोस को 21 वीं शताब्दी के भारतीय समाज में भी फैली छुआछुत जैसी कुरीतियों के विरोध में स्वयंसेवी संस्था के माध्यम से देश में युवा जागृति लाने हेतु दिया जाएगा।

>
पर्यावरण संरक्षण तथा संवर्धन के क्षेत्र में की गई बहुमूल्य सेवाओं के लिए "महाराणा उदयसिंह अलंकरण" से इस वर्ष देश के प्रसिद्ध इंडियन इंस्टिट्यूट रिमोट सेन्सिंग इसरो के निदेशक तथा भारत के प्रथम सेटेलाइट रिमोट सेंसिंग का उपयोग करने वाले वैज्ञानिक डॉ. पार्थ सारथी रॉय को नवाजा जाएगा। उन्होंने भारत के वनों एवं वनस्पति के प्रकार तथा जैव-विविधता से संबंधित महत्वपूर्ण मौसमी जानकारियों का संकलन कर उन्हें मानचित्रों सहित प्रासंगिक वर्गीकरणों के साथ उपलब्ध करवाने की परियोजनाओं को सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया है।

>
निर्धारित दायित्व सीमा से ऊपर उठकर किए गए कार्य के लिए "पन्नाधाय अलंकरण" मानवों व निरीह प्राणियों की रक्षा तथा अनाथालय पर कार्य करने वाले आमटे दंपति डॉ. प्रकाश आमटे व डॉ. मंदाकिनी आमटे को दिया जाएगा। इन्होंने शहरी जीवन से नाता तोड़कर हेमलकसा, महाराष्ट्र में घने जंगलों के बीच माडिया गोंड जनजाति के उत्थान करने, उन्हें शिक्षित करने व भारत की मुख्य धारा से जोड़ने का साहसिक बीड़ा उठाते हुए लगभग 40 वर्षों से जंगल को अपना कार्य क्षेत्र बनाया।

>
राष्ट्रीय स्तर पर दिए जाने वाले इन अलंकरणों में प्रत्येक को 51001 रुपए नकद, रजत तोरण, शॉल एवं प्रशस्ति पत्र दिए जाएंगे।

राज्य स्तरीय सम्मान-

*.
महाराणा मेवाड़ वार्षिक सम्मान 2012 के राज्य स्तरीय अलंकरणों में 'महाराणा मेवाड़ सम्मान' सर पद्मपत सिंघानिया की सुपुत्री अरूणा सिंघानिया डालमिया तथा कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. कीर्ति कुमार जैन को दिया जाएगा। सिंघानिया को निर्धन तबके के लोगों के कल्याण के क्षेत्र में कार्यों के लिए तथा श्री जैन को उदयपुर में जीबीएच अमेरिकन अस्पताल का निर्माण कर स्वास्थ्य सेवाओं में सक्रिय साझेदारी निभाने के लिए दिया जाएगा।

*.
अन्य राज्य स्तरीय अलंकरणों के तहत ज्योतिष, वेद एवं कर्मकाण्ड में श्रेष्ठ योगदान के लिए जोधपुर के पं. रमेश भोजराज द्विवेदी तथा जयपुर निवासी डॉ. वीरनारायण एन. के. पाण्डुरंगी को 'महर्षि हारीत ऋषि' सम्मान से नवाजा जाएगा।

*.
इस बार का 'महाराणा कुम्भा सम्मान' जयपुर के वयोवृद्ध इतिहासकार राजेन्द्र शंकर भट्ट को मेवाड़ी इतिहास पर समर्पित श्रेष्ठ लेखन कार्य के लिए तथा आईआईटी, हैदराबाद में प्रोफेसर बीकानेर के डॉ. नन्द किशोर आचार्य को प्रदान किया जाएगा।

*.
महाराणा सज्जनसिंह सम्मान हस्तशिल्प ब्ल्यू पॉटरी को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले जयपुर के गोपाल सैनी को प्रदान किया जाएगा।

*.
इस वर्ष डागर घराना सम्मान से पंडित चिरंजीलाल तंवर एवं वीणा कैसेट्स के श्री के. सी. मालू को नवाजा जाएगा।

*.
कोटड़ा तहसील के सुदूर एवं पिछड़े आदिवासी अंचल में लोक केन्द्रित विकास के लिए समर्पित मशरू लाल खेर को राणा पूंजा सम्मान दिया जाएगा।

*.
इस वर्ष का अरावली सम्मान सकारात्मक सोच, मानसिक दृढ़ता और साहस के दम पर शारीरिक विकलांगता पर विजय पाने वाली जयपुर की डेयर डेविल 'दीपा मलिक' को प्रदान किया जाएगा। पांच वर्ष की आयु में रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर होने से अपनी कमर के नीचे की गतिशीलता खो चुकी दीपा ने राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक प्राप्त कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इंग्लैण्ड एवं वेल्स-2010 में जैवलिन, शॉटपुट और डिसकस थ्रो तीनों में स्वर्ण पदक तथा वर्ष 2011 में चीन में आयोजित एशियन पैरागेम्स में जैवलिन में कांस्य पदक प्राप्त कर देश का गौरव बढ़ाया।

*.
इसके अलावा मेवाड़ को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट के क्षेत्र में गौरव दिलाने वाले उदयपुर के अशोक मेनारिया को भी अरावली सम्मान से नवाजा जाएगा। श्री मेनारिया ने वर्ष 2011 एवं 2012 में राजस्थान को रणजी ट्रॉफी का खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

इन राज्य स्तरीय अलंकरणों से सम्मानित होने वाली विभूतियों को पच्चीस हजार एक रुपए, रजत तोरण,शॉल एवं प्रशस्तिपत्र भेंट किए जाएँगे।



शब्द-रंग-राग की त्रिवेणी में प्रवाहित हुआ टैगोर की रचनाओं का अमृत

भारत के सर्वश्रेष्ठ सृजनकार तथा साहित्य में नोबेल पुरस्कार विजेता गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर पर तीन दिवसीय समारोह शब्द रंग राग’ 6 से 9 फरवरी तक जवाहर कला केंद्र जयपुर में पीपुल्स मीडिया थियेटर, जवाहर कला केंद्र और पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित किया गया। इस महोत्सव में बैले, रवीन्द्र संगीत, काव्य नाटकों के साथ साथ कविता और कहानियों के कार्यक्रम आयोजित किए गए। 6 फरवरी को शाम को गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की महान कृति नष्टनीडपर आधारित बैले नृत्य नाटक चारूलताप्रस्तुत किया गया। इस बैले का नृत्य निर्देशन प्रसिद्ध कत्थक कोरियोग्राफर रेखा ठाकर ने किया जबकि संगीत सुविख्यात ध्रुपद गायिका डॉ. मधुभट्ट तैलंग का था। अशोक राही द्वारा परिकल्पित इस नृत्य नाटिका में ताल संयोजन पं. प्रवीण आर्य ने किया जबकि संगीत संयोजन विवेक उपाध्याय का था। समारोह के दूसरे दिन दोपहर सत्र में बीस युवक युवतियों ने गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की कविताओं का पाठ किया। इसी दिन एक बहुभाषी काव्य संगोष्ठी आयोजित की गई जिसमें संस्कृत, बांग्ला, हिंदी, राजस्थानी, उर्दू, सिंधी आदि भाषाओं के कवियों ने काव्य पाठ किया।
तीसरे और अंतिम दिन जवाहर कला केन्द्र के कृष्णायन सभागार में हुए टैगोर कथा पाठ में पहले तोता और फिर 'पत्नी का पत्र' कहानी का वाचन हुआ। सुनील शर्मा ने प्रभावी ढंग से तोता का वाचन किया। डॉ. उर्वशी और सुषमा राजीव ने पत्नी का पत्र कहानी का भावपूर्ण वाचन किया। कथा सत्र के संयोजक मोहन क्षौत्रिय ने दोनों कहानियों की समसामयिकता को रेखांकित किया। समारोह की अध्यक्षता लेखिका मृदुला बिहारी ने की। रवीन्द्र रचना महोत्सव का समापन जवाहर कला केन्द्र के रंगायन सभागार में रवीन्द्र नाथ टैगोर के दो काव्य नाटकों "कच देवयानी" तथा "गांधारीर आवेदन" के प्रख्यात नाट्यकर्मी अशोक राही के निर्देशन में मंचन के साथ हुआ। कच देवयानी नाटक की पौराणिक कहानी में दैत्य गुरु शुक्राचार्य की पुत्री देवयानी को देवताओं के गुरु ब्रहस्पति के पुत्र कच से प्यार हो जाता है। कच शुक्राचार्य से ऐसी अनूठी विद्या सीखने आया है जिससे मरे हुए को जीवित कर दिया जाता है। कच से ईष्या करने वाले दानव बार बार उसका वध कर देते और देवयानी पिता की विद्या से उसे जीवित करा देती है। मृत संजीवनी विद्या सीख कर जब कच जाने लगता है तब देवयानी उसे रोकती है। न रुकने पर वो कच को श्राप दे देती है कि यह विद्या तुम भूल जाओगे। श्राप पाकर भी कच अपने प्रेम का अनादर नहीं करता। वो जाता जाता देवयानी को वरदान देता है कि तुम मुझे भूल जाओगी और जीवन भर सुखी रहोगी। नाटक में विनीता नायर ने देवयानी और सूफीयान खान ने कच की भूमिका अदा की।
गांधारीर आवेदन महाभारत काल की कहानी है। इसमें टैगोर ने दुर्योधन धृतराष्ट्र व गांधारी का संवाद दिखाया है। पिता और माता पांडवों को छल से जुए में हराने से आहत हैं। दुर्योधन के अपने तर्क हैं। वो अभिमान में चूर है। जब गांधारी पापी पुत्र को दंड देने की बात करती है तो धृतराष्ट्र कहते हैं कि जिसने धर्म का उल्लंघन किया है उसको तो दंडित भी धर्म ही करेगा, मैं तो सिर्फ एक बाप हूं। नाटक का समापन गांधारी के युद्धिष्ठिर को दिए आशीर्वाद से होता है जिसमें वो उसे फिर से राज सत्ता पाने का वरदान देती है।



देश भर के सभी लोक सेवा आयोगों का 14वाँ सम्मेलन

अजमेर में गुरूवार दिनांक 9 फरवरी को देश भर के सभी लोक सेवा आयोगों का 14वाँ सम्मेलन प्रारंभ हुआ जिसमें लगभग सभी आयोगों ने तकनीकी नवाचार, परीक्षा और अन्य क्षेत्रों में राजस्थान लोक सेवा आयोग की श्रेष्ठता स्वीकार की तथा राजस्थान लोक सेवा आयोग की प्रणालियों को बेहतरीन बताते हुए अनुकरण योग्य बताया। कई आयोगों के प्रतिनिधियों ने पुन: आरपीएससी आकर इसकी प्रणाली के गहन अध्ययन पर सहमति जताई। ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। सम्मेलन में तकनीकी नवाचार, अभ्यर्थियों की अपेक्षाओं पर कैसे खरा उतरे, आयोगों में कार्यभार, न्यायिक फैसले व सूचना का अधिकार, वित्तीय अधिकार आदि मुद्दों पर चर्चा हुई। विभिन्न सत्रों में हुई चर्चा के दौरान यह सामने आया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग ने विभिन्न क्षेत्रों यथा ऑनलाइन आवेदन व परीक्षा तथा कम कर्मचारियों के बावजूद बेहतरीन काम के मामले में आरपीएससी की कार्यप्रणाली श्रेष्ठ है।
सम्मेलन को ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो. डी. पी. अग्रवाल, आरपीएससी अध्यक्ष प्रो. बी. एम. शर्मा तथा अन्य वक्ताओं ने सम्बोधित किया।



राजस्थान में फोर्टिफाइड खाद्य आहारयोजना प्रारंभ

कुपोषण तथा अनीमिया (खून की कमी) से पीड़ित बच्चों व महिलाओं की सहायता के लिए राज्य सरकार ने फोर्टिफाइड खाद्य आहारयोजना प्रारंभ की है। इसके तहत खाद्य पदार्थों- अनुपूरक शिशु आहार से लेकर प्रचुर विटामिन, मिनरल वाले आटे, दूध, तेल, नमक व दाल का उत्पादन व वितरण होगा। सरकार ने यह योजना ग्लोबल एलायंस फॉर इम्प्रूव्ड न्यूट्रीशन (गेन) तथा भारतीय स्वास्थ्य प्रबंधन व शोध संस्थान (आईआईएचएमआर) के साथ मिलकर प्रारंभ की है।
योजना के शुभारंभ के अवसर पर मुख्य अतिथि खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के मंत्री परसादी लाल मीणा के अलावा मार्क वॉन अमेरिन्जेन (कार्यकारी निदेशक-गेन), जय नायडू (सभापति-गेन बोर्ड), प्रो. वी एस व्यास (उपसभापति राज्य योजना आयोग), प्रो. लाड कुमारी जैन (अध्यक्ष राज्य महिला आयोग) आदि उपस्थित थे।
फोर्टिफिकेशन ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें आहार में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ाते हैं। इस प्रक्रिया में आटा, दूध और तेल में आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन-बी 12 और विटामिन-ए मिलाया जाता है जिससे अनीमिया तथा अन्य कुपोषण संबंधी रोगों से बचा जा सके।


Rajasthan Current Affairs
एशिया का सबसे बड़ा साहित्य महोत्सव "जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल" 20 से 24 जनवरी 2012 तक आयोजित

एशिया के सबसे बड़े एवं दुनिया से प्रमुख पाँच साहित्य महोत्सव में से एक जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन 20 से 24 जनवरी 2012 तक जयपुर के डिग्गी पैलेस में किया गया। इस उत्सव का उद्घाटन भूटान की महारानी असी दोरजी वांग्मो वांग्चुक ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। उद्घाटन समारोह में शायर गुलजार, गायिका इला अरुण, सीडी देवल एवं साहित्य के कई प्रमुख हस्ताक्षर, बॉलीवुड व विविध क्षेत्रों की हस्तियां उपस्थित थी। उद्घाटन समारोह में भक्ति गीत पर आलोचक पुरुषोत्तम अग्रवाल एवं लेखक अरविंद कृष्ण मल्होत्रा के व्याख्यान हुए। इस समारोह में शायर गुलजार, अशोक चक्रधर, प्रसून जोशी, फिल्मकार राहुल बोस व प्रकाश झा, अभिनेत्री कोंकणा सेन शर्मा, मशहूर गीतकार जावेद अख्तर, प्रसिद्ध कवि अशोक वाजयेपी, मशहूर पत्रकार तरूण तेजपाल, अमरीकी टॉक शो होस्ट ओपरा विनफ्रे, केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री शशि थरूर, लेखक चेतन भगत सहित देश विदेश की लगभग 250 प्रमुख हस्तियां पांच दिन तक इस फेस्टीवल में सम्मिलित हुई।
अनेक हस्तियों की उपस्थिति में फेस्टिवल में साहित्य से संबंधित कई सेशन हुए जिनमें साहित्य, साहित्य की आकांक्षा, साहित्य का दर्पण, उसके लिखे जाने की प्रासंगिकता, कहानी, फिल्म, सोशल इश्यूज आदि विभिन्न मुद्दों पर प्रस्तुतिकरण और साहित्यिक चर्चा हुई। यह महोत्सव विवादित लेखक सलमान रुश्दी के इस महोत्सव में सुरक्षा कारणों से भाग न ले पाने लिए भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विवादों के घेरे में रहा। लेखक सलमान रुश्दी की प्रतिबंधित किताब "सेटेनिक वर्सेज" के अंश पढ़ने का विवाद इस महोत्सव के दौरान जयपुर की अधीनस्थ अदालत तक भी पहुंच गया। इसके अलावा सलमान रुश्दी के न आने के कारण आयोजकों ने उनकी वीडियो कांफ्रेंस का आयोजन करना प्रस्तावित भी किया था किंतु कुछ लोगों के विरोध के कारण उपजे सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे भी निरस्त करना पड़ा।

सीकर की फ्लाइट लेफ्टिनेंट स्नेहा शेखावत ने रचा इतिहास

दिल्ली के राजपथ पर 26 जनवरी 2012 को 63वें गणतंत्र दिवस समारोह में वायुसेना की परेड का नेतृत्व हरदास का बास (सीकर) की मूल निवासी फ्लाइट लेफ्टिनेंट स्नेहा शेखावत ने किया।
विशेष बात यह है कि वे ऐसा करने वाली वायुसेना की प्रथम महिला अफसर बन गईं। वे अभी हिंडन एयरफोर्स पर तैनात हैं। फ्लाइट लेफ्टिनेंट स्नेहा शेखावत के पिता महावीर सिंह गुजरात के राज्यपाल कार्यालय में सचिव हैं। स्नेहा का जन्म 28 अप्रैल 1986 को हुआ तथा उन्होंने सीनियर सेकंडरी तक गुजरात में अध्ययन किया। जोधपुर से बीएससी करने के उपरांत इनका चयन वर्ष 2007 में एनडीए में हुआ। और वे पायलट बन गई। स्नेहा शेखावत पायलट बनने वाली राजस्थान की द्वितीय महिला है। प्रतिभा की धनी शेखावत को हैदराबाद ट्रेनिंग सेंटर में सर्वश्रेष्ठ महिला पायलट का पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। उन्होंने अपनी ट्रेनिंग की पास आउट परेड में भी महिला-पुरुष संयुक्त दल का नेतृत्व किया था। स्नेहा वर्ष 2011 की गणतंत्र परेड में भी सैकंड कमांडर रही थी।

राजस्थान राजस्व मंडल की अध्यक्ष श्रीमती मीनाक्षी हूजा राज्य स्तर पर सम्मानित

राजस्थान राजस्व मंडल की अध्यक्ष श्रीमती मीनाक्षी हूजा को गणतंत्र दिवस के अवसर पर 26 जनवरी को जयपुर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में राज्यपाल शिवराज पाटिल द्वारा हूजा को प्रशस्ति पत्र एवं नकद पुरस्कार प्रदान सम्मानित किया गया। मीनाक्षी हूजा को यह पुरस्कार उनके द्वारा लिखी पुस्तक आउट पोरिंग्स-पोइटिक एक्सप्रेशंसके लिए प्रदान किया गया है।
इससे पहले श्रीमती हूजा को वर्ष 2004 में राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में उनके द्वारा लिखी हिंदी कविता कह ना सकूं जो रूबरूके लिए भी सम्मानित किया गया था।
वर्ष 2009 में उन्हें एक्सीलेंस एन वर्ल्ड पोएट्री अवार्डसे इंटरनेशनल पोएट्स एकेडमी चेन्नई द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। भारतीय प्रशासनिक सेवा की वरिष्ठ अधिकारी श्रीमती हूजा विगत 25 वर्ष से हिंदी व अंग्रेजी में कविता लेखन कर रही हैं।
राजस्थान हाईकोर्ट से एसएमएस के जरिए मिलेगी केस की जानकारी

राजस्थान हाईकोर्ट में पक्षकार व अधिवक्ता केस स्टेटस की जानकारी मोबाइल से एसएमएस कर ले सकेंगे। यह जानकारी फाइल नंबर व केस नंबर के आधार पर मिलेगी।

फाइल नंबर से जानकारी के लिए इस प्रकार करना होगा एसएमएस-

1.
जोधपुर मुख्यपीठ के मुकदमों की जानकारी के लिए यह लिखकर 56787 पर एसएमएस करना होगा-
FP+Filing year (yyyy)+case type+filing no

2.
जयपुर पीठ के मुकदमों की जानकारी के लिए यह लिखकर एसएमएस 56767 पर करना होगा-
FB+Filing year (yyyy)+case type+ filing no

केस नंबर के आधार पर जानकारी के लिए यह एसएमएस करना होगा-

1.
जोधपुर मुख्य पीठ के लिए 56787 पर एसएमएस करें-
CP+Filing year (yyyy)+case type+ filing no

2.
जयपुर पीठ के लिए 56767 पर एसएमएस करें-
CB+Filing year (yyyy)+case type+filing no


वर्ष 2012 के पद्म पुरस्कारों से सम्मानित होने वालों में राजस्थान के भी 7 रत्न

वर्ष 2012 के पद्म पुरस्कारों से सम्मानित होने वालों में राजस्थान के भी सात प्रमुख व्यक्तित्व भी शामिल है। ये व्यक्तित्व निम्नांकित हैं-
>
पद्म भूषण विजेता-
1.
श्री अरविंद पानगड़िया

>
पद्मश्री विजेता-

1.
स्वप्न गुहा (सेरेमिक कलाकार)
2.
लिंबाराम (तीरंदाज)
3.
साकर खाँ (माँगणियार कलाकार)
4.
मोहनलाल कुम्हार (टेराकोटा कलाकार)
5.
देवेन्द्र झांझड़िया (पेराओलंपिक एथलीट)
6.
फरीदुद्दीन डागर (ध्रुपद गायक)
इस वर्ष 2012 के पद्मभूषण प्राप्त करने वाले मूलतः भीलवाड़ा के रहने वाले अप्रवासी राजस्थानी प्रो. अरविंद पानगडिया अमरीका के कोलंबिया विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र पढ़ाते हैं। वे एशियाई विकास बैंक, विश्व बैंक, आईएमएफ, विश्व व्यापार संगठन में सेवा दे चुके हैं। वे करीब एक दर्जन किताबें लिख चुके हैं। पद्मश्री जीतने वाले जयपुर के स्वप्न गुहा तीन दशक से सेरेमिक क्षेत्र में सक्रिय, इंडियन सेरेमिक सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष हैं तथा उदयपुर जिले के रहने वाले लिंबाराम (खेल) भारतीय तीरंदाजी टीम के कोच हैं जबकि प्रसिद्ध ध्रुपद गायक फरीदुद्दीन डागर का जन्म उदयपुर में हुआ था तथा टेराकोटा की लोककला को विश्व भर में प्रसिद्ध कलाकार मोहनलाल कुम्हार राजसमंद जिले की नाथद्वारा तहसील के मोलेला के रहने वाले हैं व मिट्टी से मूर्ति बनाने में माहिर कलाकार है। इसके अतिरिक्त पद्मश्री पाने वाले मांगणियार लोक कलाकार साकर खान (लोकवादक) जैसलमेर के हमीरा निवासी हैं तथा चूरू जिले के देवेंद्र झाझडिया ने एथेंस में आयोजित पैरालम्पिक में स्वर्ण जीता था।

रणजी ट्रॉफी में लगातार दूसरी बार चैंपियन बना राजस्थान, तमिलनाडु को पहली पारी बढ़त के आधार पर हराया


चेन्नई के चेपक स्टेडियम में खेले गए रणजी ट्रॉफी के फाइनल में राजस्थान ने मेजबान तमिलनाडु को ड्रॉ मैच में पहली पारी में मिली 326 रन की बढ़त के आधार पर हरा कर अपना खिताब बरकरार रखा। इस प्रकार राजस्थान एक बार फिर घरेलू क्रिकेट का बादशाह बन गया है। मैच के अंतिम दिवस दिनांक 23 जनवरी 2011 को राजस्थान ने पांच विकेट पर 204 रन बनाकर दूसरी पारी घोषित की तथा तमिलनाडु को 531 रन का असंभव लक्ष्य दिया।
तमिलनाडु ने जब दूसरी पारी में आठ रन पर दो विकेट गंवाए, तब दोनों कप्तान मैच समाप्त करने पर राजी हो गए। ये दोनों विकेट स्पिनर गजेंद्र सिंह ने लिए। इस मैच में राजस्थान के कप्तान ऋषिकेश कानिटकर ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया जिसे बल्लेबाजों ने उचित साबित करते हुए विनीत सक्सेना के शानदार 257 रनों तथा आकाश चौपड़ा के 94 व कप्तान ऋषिकेश कानिटकर 67 रनों के साथ पहली पारी में विपक्षी टीम को 621 रनों का विशाल लक्ष्य दिया। इसके जवाब में तमिलनाडु की टीम पहली पारी में मात्र 295 रन ही बना सकी तथा राजस्थान को पहली पारी में 326 की बढ़त प्राप्त हुई। तमिलनाडु की ओर से इस पारी में 150 रनों की बेहतरीन पारी खेली लेकिन उनका संघर्ष टीम के काम नहीं आ सका। टीम के शेष खिलाड़ियों में कोई भी अर्धशतक भी नहीं बना सका। राजस्थान के रितुराज ने 76 रन देकर 4 विकेट, पंकज सिंह ने 58 रन देकर 2 विकेट, सुमित माथुर ने 53 रन देकर 2 विकेट तथा गजेन्द्र सिंह ने 97 रन देकर एक विकेट लिए। राजस्थान ने मेजबान टीम को फॉलोऑन देने की बजाए दूसरी पारी में बल्लेबाजी की तथा 5 विकेट पर 204 रन बना कर पारी घोषित कर दी। राजस्थान टीम 10 वीं बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची थी और यह उसका दूसरा खिताब है। पिछले साल उसने पहली बार यह ट्रॉफी जीती थी। लगातार दो साल रणजी खिताब जीतने वाली राजस्थान पाँचवीं टीम है। इससे पूर्व मुंबई, महाराष्ट्र, दिल्ली तथा कर्नाटक की टीमें लगातार दो साल तक रणजी ट्रॉफी जीत कर यह उपलब्धि हासिल कर चुकी है। इस मैच में दोहरा शतक जमाने वाले विनीत सक्सेना का मैन ऑफ द मैच दिया गया। राजस्थान के उत्कृष्ट खेल को देश भर में प्रशंसा मिली। तमिलनाडु के कप्तान लक्ष्मीपति बालाजी ने भी स्वीकार किया कि राजस्थान खिताब का हकदार था। राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) ने विजेता टीम को 1.31 करोड़ रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की है। जीत के समय आरसीए अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी, क्रिकेट डायरेक्टर चंद्रकांत पंडित तथा 25 जिला क्रिकेट संघों के पदाधिकारी भी मैदान में उपस्थित थे। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से भी पुरस्कार स्वरूप टीम को तीन करोड़ रुपए मिलेंगे। इसके अलावा राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी राजस्थान क्रिकेट टीम को लगातार दूसरी बार रणजी ट्रॉफी विजेता बनने पर बधाई देते हुए एक करोड़ 11 लाख रुपए का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।

No comments:

Post a Comment