राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) : मेरी पहचान मेरी शान
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (बाहरी वेबसाइट
जो एक नई विंडों में खुलती हैं) (एनपीआर) एक व्यापक पहचान डेटाबेस है
जिसका रखरखाव भारतीय महापंजीयक और जनगणना
आयुक्त (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती
हैं), गृह
मंत्रालय (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती
हैं)।
नागरिकता अधिनियम 1955 (बाहरी वेबसाइट जो एक नई
विंडों में खुलती हैं) जिसे 2004, में संशोधित किया गया, की धारा 14ए के
अनुसार देश के प्रत्येक नागरिक के लिए भारतीय नागरिक राष्ट्रीय रजिस्टर
(एनआरआईसी) में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर)
का सृजन एनआरआईसी की तैयारी के लिए पहला कदम है। निवासियों के सार्वभौमिक डेटा सैट
में से नागरिकों की नागरिकता स्थिति के उचित सत्यापन के बाद नागरिकों का उप सैट
तैयार किया जाएगा। अत:, यह सभी सामान्य निवासियों के लिए अनिवार्य है कि वे एनपीआर
के तहत नाम दर्ज कराएं।
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राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर क्यों? | ||
पहचान डेटाबेस सृजन का उद्देश्य सरकारी योजनाओं के लाभों और सेवाओं की बेहतर
उपयोगिता और कार्यान्वयन में सहायता देना, देश में योजना और सुरक्षा में सुधार
लाना है।
भारत सरकार ने अप्रैल 2010 से सितम्बर 2010 के दौरान
जनगणना 2011 के घरेलू सूचीकरण और घरेलू जनगणना चरण के दौरान देश में सभी सामान्य
निवासियों की विशिष्ट सूचना के संग्रह द्वारा इस डेटाबेस के सृजन की शुरूआत की है।
यह योजना बनाई गई है कि सामान्य निवास (5 वर्ष और उससे अधिक आयु) की सूचना का
संग्रह 17 राज्यों और 2 संघ राज्य क्षेत्रों (बाहरी
वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं) में अब डिजिटल रूप में
परिवर्तित किया जाएगा और अगले समेकन के लिए इन निवासियों से बायोमेट्रिक डेटा
प्राप्त किए जाएंगे।
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भारतीय नागरिक राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरआईसी)
भारतीय नागरिक राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरआईसी) देश के नागरिकों का रजिस्टर
होगा। इसे एनपीआर में विवरणों के सत्यापन के बाद स्थानीय (ग्राम स्तर), उप जिला
(तहसील / तालुक स्तर), जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर विवरणों के सत्यापन
और प्रत्येक व्यक्ति की नागरिकता सिद्ध होने के बाद तैयार किया जाएगा। अत:
एनआरआईसी एनपीआर का एक उप समूह होगा।
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राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर प्रक्रिया | ||
एनपीआर परियोजना के तहत अनेक बड़ी गतिविधियां
निष्पादित की गई हैं। इनमें गणनाकारों द्वारा घरों की सूची बनाना, एनपीआर
अनुसूचियों की स्कैनिंग, डेटा डिजिटाइजेशन, बायोमेट्रिक नामांकन और समेकन, एलआर
यूआर सुधार तथा सत्यापन, यूआईडीएआई (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में
खुलती हैं) डुप्लीकेशन और आधार संख्या जारी करना तथा ओआरजीआई के
त्रुटि रहित डेटा का समेकन शामिल है। एनपीआर में 18 वर्ष और इससे अधिक के सभी
सामान्य निवासियों को निवासी पहचान कार्ड जारी करने का प्रस्ताव भी सरकार के पास
विचाराधीन है। यह प्रस्तावित पहचान कार्ड एक स्मार्ट कार्ड होगा और इस पर आधार
संख्या होगी।
इस राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (बाहरी वेबसाइट
जो एक नई विंडों में खुलती हैं) का सृजन करने के लिए कई सरकारी
एजेंसियां कार्यरत हैं। इनमें शामिल हैं भारतीय महापंजीयक (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं), इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीआईईटीवाय) (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं), डीओईएसीसी संस्था (बाहरी वेबसाइट जो एक नई
विंडों में खुलती हैं), सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लि. और
मैनेज्ड सर्विस प्रोवाइडर्स (एमएसपी)।
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राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के लिए पंजीकरण कैसे करें?
जनगणना 2011 के पहले चरण के दौरान गणनाकारों ने
प्रत्येक घर का दौरा किया और कागज के प्रारूप में (588 KB) (पीडीएफ फाइल जो
नई विंडों में खुलती हैं)
एनपीआर के लिए आवश्यक विवरण जमा किए। ये प्रारूप स्कैन
किए गए और इन्हें दो भाषाओं - राज्य भाषा और अंग्रेजी में इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस
में डाला गया है। बायोमेट्रिक विशेषताओं - तस्वीरें, दस अंगुलियां और आइरिस की दो
तस्वीरें, इन्हें प्रत्येक स्थानीय क्षेत्र में नामांकन शिविरों (बाहरी वेबसाइट जो एक नई
विंडों में खुलती हैं) के आयोजन द्वारा एनपीआर डेटाबेस में जोड़ा जा रहा
है। नामांकन इस प्रयोजन के लिए नियुक्त सरकारी सेवकों की उपस्थिति में किया जाएगा।
सभी सामान्य निवासी जिनकी आयु 5 वर्ष से अधिक है, उन्हें नामांकन शिविरों में आना
चाहिए, चाहे उनके बायोमेट्रिक्स आधार (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती
हैं) के तहत पहले लिए गए हैं। जिन व्यक्तियों का नामांकन आधार,
यूआईडीएआई के तहत नहीं किया जाता है उनके नाम भी नामांकन शिविरों में दर्ज कराए जा
सकते हैं।
क्षेत्र के नामांकन शिविरों की अवधि और स्थान के
प्रचार के लिए स्थानीय प्राधिकरणों द्वारा अनिवार्य कदम उठाए जाएंगे। सूचना पर्ची (केवायआर+प्रपत्र) (840 KB)
(पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती हैं)
यह शिविर आरंभ होने से पहले हर घर में बांटी जाएगी। कृपया
एनपीआर गतिविधियों पर जानकारी पाने के लिए बार बार पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू)
(बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं) देखें। आप अपने आस पास
शिविर के विवरण और प्राधिकारियों के संपर्क नंबर (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं) भी देख
सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज
एनीपीआर में पंजीकरण के लिए किसी विशिष्ट दस्तावेज
की आवश्यकता नहीं है। एनपीआर के विवरण पहले ही घरेलू स्तर पर गणनाकार के आने के
दौरान प्राप्त किए गए हैं। उन्हें एक पावती पर्ची भी दी गई है। यह पर्ची नामांकन
शिविर में लेकर आना चाहिए। जबकि बायोमेट्रिक नामांकन प्रक्रिया के भाग के रूप में,
ईपीआईसी संख्या, पासपोर्ट संख्या, राशन कार्ड संख्या आदि को प्रत्येक घर से जमा
किया जा रहा है। सूचना पर्ची (केवायआर+प्रपत्र) (840 KB)
(पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती हैं)
को इन अतिरिक्त डेटा फील्ड के लिए भरा जाए और शिविर में
साथ लेकर जाएं।
यदि जनगणना में शामिल नहीं हैं
यदि घरों को जनगणना 2011 (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं) में
शामिल नहीं किया गया या व्यक्ति ने जनगणना के बाद अपना निवास बदल लिया है तो शिविर
में उन्हें एक नया एनपीआर प्रपत्र (588 KB) (पीडीएफ फाइल जो नई
विंडों में खुलती हैं)
दिया जाएगा और इसे भर कर देना होगा। ये भरे गए प्रपत्र
शिविर में मौजूद सरकारी अधिकारियों के पास जमा किए जाएंगे। इन प्रपत्रों का
सत्यापन प्राधिकारियों द्वारा किया जाएगा और व्यक्तियों के बायोमेट्रिक विवरण
बायोमेट्रिक शिविरों के अगले दौर में प्राप्त किए जाएंगे।
नामांकन शिविर में नहीं जा सकना
प्रत्येक स्थानीय क्षेत्र में दो शिविरों का आयोजन किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति पहले शिविर में नहीं जा पाता है तो उसे दूसरे शिविर में आने की सूचना दी जाएगी। यदि दूसरे शिविर में भी नहीं जा सकते हैं तो उन्हें ऐसे शिविरों में नामांकन के लिए आने का अवसर दिया जाएगा जो निर्दिष्ट तिथि तक उप जिला स्तरीय रूप से आयोजित किए जाएंगे। निर्दिष्ट तिथि के बाद व्यक्ति का नाम एनपीआर से हटा दिया जाएगा।अभिप्रमाणन और सुधार
निवास स्थान से डेटा संग्रह करना और शिविर में बायोमेट्रिक सूचना प्राप्त करना :- तस्वीर और आधार संख्या के साथ बायोमेट्रिक डेटा स्थानीय क्षेत्रों में दावे तथा आपत्तियां आमंत्रित करने के लिए प्रदर्शित किए जाएंगे।
- स्थानीय अधिकारियों द्वारा सूचियों की संवीक्षा की जाएगी।
- ये सूचियां ग्राम सभाओं और वार्ड समितियों में भी रखी जाएंगी। सामाजिक लेखा परीक्षण की यह प्रक्रिया पारदर्शिता और समानता लाएगी।
- नागरिक स्वयं पहचान के अनिवार्य दस्तावेज देते समय आवश्यक परिवर्तनों पर ध्यान आकर्षित कर सकेंगे।
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राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और आधार के बीच संबंध | ||
एनपीआर में प्राप्त डेटा डी डुप्लीकेशन तथा आधार सं. जारी करने के लिए
यूआईडीएआई में भेजा जाएगा। इस प्रकार रजिस्टर में डेटा के तीन तत्व होंगे -
जो व्यक्ति यूआईडीएआई (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में
खुलती हैं) में पहले से पंजीकृत है उसे एनपीआर के तहत भी पंजीकरण कराना
है। एनपीआर में कुछ प्रक्रियाएं जैसे अधिकृत व्यक्तियों द्वारा व्यक्ति के निवास
पर आकार डेटा का संग्रह करना, विशिष्ट प्रक्रिया के बाद बायोमेट्रिक का संग्रह,
सामाजिक लेखा परीक्षण के माध्यम से अभिप्रमाणन, प्राधिकारियों द्वारा सत्यापन आदि
अनिवार्य है।
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संबंधित लिंक्स
- राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं)
- शिविर के विवरण और प्राधिकारियों के संपर्क नंबर (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं)
- सूचना पर्ची (केवायआर + प्रपत्र) (840 KB)
(पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती हैं)
- एनपीआर के लिए बार बार पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू) (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं)
- एनपीआर के लिए राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों की सूची (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं)
- भारतीय महापंजीयक (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं)
- विभिन्न भाषाओं में एनपीआर विज्ञापन (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं)
- डीओईएसीसी संस्था (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं)
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