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Monday 3 December 2012

geography of rajasthan



राजस्थान की प्रशासनिक इकाईयाँ



प्रशासनिक इकाईयाँ
स्वतत्रंता के पश्चात् 1956 में राजस्थान राज्य के गठन के प्रक्रिया पूर्ण हुई। वर्तमान में राज्य को प्रशासनिक दृष्टि से सात संभागों, 33 जिलों और 241 तहसीलों में विभक्त किया गया है।
    1. जयपुर संभाग  
जयपुर, दौसा, सीकर, अलवर एवं झुन्झुँनू जिले।
    2. जोधपुर संभाग
जोधपुर, जालौर, पाली, बाड़मेर, सिरोही एवं जैसलमेर जिले।
    3. भरतपुर संभाग
भरतपुर, धौलपुर, करौली एवं सवाई माधोपुर जिले।
    4. अजमेर संभाग
अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक एवं नागौर जिले।
    5. कोटा संभाग
कोटा, बूंदी, बारां एवं झालावाड़ जिले।
    6. बीकानेर संभाग
बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़ एवं चूरू जिले।
    7. उदयपुर संभाग
उदयपुर, राजसमंद, डूंगरपुर, बाँसवाड़ा, चित्तौड़गढ़ एवं प्रतापगढ़ जिले।



राजस्थान में वर्षा जल संरक्षण की शब्दावली


शब्द
शाब्दार्थ
आगौर (पायतान)
वर्षा जल को नाड़ी या तालाब में उतारने के लिए उसके चारों ओर मिट्टी को दबाकर आगोर (पायतान) बनाया जाता है।
टांका
वर्षाजल एकत्रित करने के लिए बनाया गया हौद।
नाडी
छोटी तलैया जिसमें वर्षा का जल भरा जाता है।
नेहटा (नेष्टा)
नाडी या तालाब से अतिरिक्त जल की निकासी के लिए उसके साथ नेहटा बनाया जाता है जिससे होकर अतिरिक्त जल निकट स्थित दूसरी नाड़ी, तालाब या खेत में चला जाये।
पालर पाणी
नाडी या टांके में जमा वर्षा का जल।
बावड़ी
वापिका, वापी, कर्कन्धु, शकन्धु आदि नामों से उद्बोधित। पश्चिमी राजस्थान में इस तरह के कुएं (बावडी) खोदने की परम्परा ईसा की प्रथम शताब्दी के लगभग शक जाति अपने साथ लेकर आई थी। जोधपुर व भीनमान में आज भी 700-800 ई. में निर्मित बावडियां मौजूद है।
बेरी
छोटा कुआं, कुईयां, जो पश्चिमी राजस्थान में निर्मित हैं।
मदार 
नाडी या तालाब में जल आने के लिए निर्धारित की गई धरती की सीमा को मदार कहते हैं। मदार की सीमा में मल-मूत्र त्याग वर्जित होता है।

राजस्थान की प्रमुख नदियों का विवरण


1) चम्बल नदी
   
इस नदी का प्राचीन नाम चर्मावती है। कुछ स्थानों पर इसे कामधेनु भी कहा जाता है। यह नदी मध्य प्रदेश के मऊ के दक्षिण में मानपुर के समीप जनापाव पहाड़ी (616 मीटर ऊँची) के विन्ध्यन कगारों के उत्तरी पार्श्व से निकलती है। अपने उदगम् स्थल से 325 किलोमीटर उत्तर दिशा की ओर एक लंबे संकीर्ण मार्ग से तीव्रगति से प्रवाहित होती हुई चौरासीगढ़ के समीप राजस्थान में प्रवेश करती है। यहां से कोटा तक लगभग 113 किलोमीटर की दूरी एक गार्ज से बहकर तय करती है। चंबल नदी पर भैंस रोड़गढ़ के पास प्रख्यात चूलिया प्रपात है। यह नदी राजस्थान के कोटा, बून्दी, सवाई माधोपुर व धौलपुर जिलों में बहती हुई उत्तर-प्रदेश के इटावा जिले मुरादगंज स्थान में यमुना में मिल जाती है। यह राजस्थान की एक मात्र ऐसी नदी है जो सालभर बहती है। इस नदी पर गांधी सागर, राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज बांध बने हैं। ये बाँध सिंचाई तथा विद्युत ऊर्जा के प्रमुख स्रोत हैं। चम्बल की प्रमुख सहायक नदियों में काली, सिन्ध, पार्वती, बनास, कुराई तथा बामनी है। इस नदी की कुल लंबाई 965 किलोमीटर है। यह राजस्थान में कुल 376 किलोमीटर तक बहती है।
2) काली सिंध
यह चंबल की सहायक नदी है। इस नदी का उदगम् स्थल मध्य प्रदेश में देवास के निकट बागली गाँव है। कुध दूर मध्य प्रदेश में बहने के बाद यह राजस्थान के झालावाड़ और कोटा जिलों में बहती है। अंत में यह नोनेरा (बरण) गांव के पास चंबल नदी में मिल जाती है। इसकी कुल लंबाई 278 किलोमीटर है।
3) बनास नदी
   
बनास एक मात्र ऐसी नदी है जो संपूर्ण चक्र राजस्थान में ही पूरा करती है। बनअआस अर्थात बनास अर्थात (वन की आशा) के रुप में जानी जाने वाली यह नदी उदयपुर जिले के अरावली पर्वत श्रेणियों में कुंभलगढ़ के पास खमनौर की पहाड़ियों से निकलती है। यह नाथद्वारा, कंकरोली, राजसमंद और भीलवाड़ा जिले में बहती हुई टौंक, सवाई माधोपुर के पश्चात रामेश्वरम के नजदीक (सवाई माधोपुर) चंबल में गिर जाती है। इसकी लंबाई लगभग 480 किलोमीटर है। इसकी सहायक नदियों में बेडच, कोठरी, मांसी, खारी, मुरेल व धुन्ध है। (i )बेडच नदी 190 किलोमीटर लंबी है तथा गोगंडा पहाड़ियों (उदयपुर) से निकलती है। (ii )कोठारी नदी उत्तरी राजसमंद जिले के दिवेर पहाड़ियों से निकलती है। यह 145 किलोमीटर लंबी है तथा यह उदयपुर, भीलवाड़ा में बहती हुई बनास में मिल जाती है। (iii) खारी नदी 80 किलोमीटर लंबी है तथा राजसामंद के बिजराल की पहाड़ियों से निकलकर देवली (टौंक) के नजदीक बनास में मिल जाती है।
4) बाणगंगा
   
इस नदी का उदगम् स्थल जयपुर की वैराठ की पहाड़ियों से है। इसकी कुल लंबाई 380 किलोमीटर है तथा यह सवाई माधोपुर, भरतपुर में बहती हुई अंत में फतेहा बाद (आगरा) के समीप यमुना में मिल जाती है। इस नदी पर रामगढ़ के पास एक बांध बनाकर जयपुर को पेय जल की आपूर्ति की जाती है।
5) पार्वती नदी
यह चंबल की एक सहायक नदी है। इसका उदगम् स्थल मध्य प्रदेश के विंध्यन श्रेणी के पर्वतों से है तथा यह उत्तरी ढाल से बहती है। यह नदी करया हट (कोटा) स्थान के समीप राजस्थान में प्रवेश करती है और बून्दी जिले में बहती हुई चंबल में गिर जाती है।
6) गंभीरी नदी
   
110 किलोमीटर लंबी यह नदी सवाई माधोपुर की पहाड़ियों से निकलकर करौली से बहती हुई भरतपुर से आगरा जिले में यमुना में गिर जाती है।
7) लूनी नदी
   
यह नदी अजमेर के नाग पहाड़-पहाड़ियों से निकलकर नागौर की ओर बहती है। यह जोधपुर, बाड़मेर और जालौर में बहती हुई यह गुजरात में प्रवेश करती है। अंत में कच्छ की खाड़ी में गिर जाती है। लूनी नदी की कुल लंबाई 320 किलोमीटर है। यह पूर्णत: मौसमी नदी है। बलोतरा तक इसका जल मीठा रहता है लेकिन आगे जाकर यह खारा होता जाता है। इस नदी में अरावली श्रृंखला के पश्चिमी ढाल से कई छोटी-छोटी जल धाराएँ, जैसे लालरी, गुहिया, बांड़ी, सुकरी जबाई, जोजरी और सागाई निकलकर लूनी नदी में मिल जाती है। इस नदी पर बिलाड़ा के निकट का बाँध सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है।
8) माही नदी
   
यह दक्षिण राजस्थान मुख्यत: बांसबाड़ा और डूंगरपुर जिले की मुख्य नदी है। यह मध्य प्रदेश के धार जिले में विंध्यांचल पर्वत के अममाऊ स्थान से निकलती है। उदगम् से उत्तर की ओर बहने के पश्चात् खाछू गांव (बांसबाड़ा) के निकट दक्षिणी राजस्थान में प्रवेश करती है। बांसबाड़ा और डूंगरपूर में बहती हुई यह नदी गुजरात में प्रवेश करती है। कुल 576 किलोमीटर बहने के पश्चात् यह खम्भात की खाड़ी में गिर जाती है। इसकी प्रमुख सहायक नदियों में सोम, जाखम, अनास, चाप और मोरन है। इस नदी पर बांसबाड़ा जिले में माही बजाज सागर बांध बनाया गया है।
9) घग्घर नदी
   
यह गंगानगर जिले की प्रमुख नदी है। यह नदी हिमालय पर्वत की शिवालिक श्रेणियों से शिमला के समीप कालका के पास से निकलती है। यह अंबाला, पटियाला और हिसार जिलों में बहती हुई राजस्थान के गंगानगर जिले में टिब्वी के समीप उत्तर-पूर्व दिशा में प्रवेश करती है। पूर्व में यह बीकानेर राज्य में बहती थी लेकिन अब यह हनुमानगढ़ के पश्चिम में लगभग 3 किलोमीटर दूर तक बहती है। हनुमानगढ़ के पास भटनेर के मरुस्थलीय भाग में बहती हुई विलीन हो जाती है। इस नदी की कुल लंबाई 465 किलोमीटर है। इस नदी को प्राचीन सरस्वती के नाम से भी जाना जाता है।
 10) काकनी नदी
इस नदी को काकनेय तथा मसूरदी नाम से भी बुलाते है। यह नदी जैसलमेर से लगभग 27 किलोमीटर दूर दक्षिण में कोटरी गाँव से निकलती है। यह कुछ किलोमीटर प्रवाहित होने के उपरांत लुप्त हो जाती है। वर्षा अधिक होने पर यह काफी दूर तक बहती है। इसका पानी अंत में भुज झील में गिर जाता है।
11) सोम नदी
   
उदयपुर जिले के बीछा मेड़ा स्थान से यह नदी निकलती है। प्रारंभ में यह दक्षिण-पूर्व दिशा में बहती हुई डूंगरपूर की सीमा के साथ-साथ पूर्व में बहती हुई बेपेश्वर के निकट माही नदी से मिल जाती है।
12) जोखम
   
यह नदी सादड़ी के निकट से निकलती है। प्रतापगढ़ जिले में बहती हुई उदयपुर के धारियाबाद तहसील में प्रवेश करती है और सोम नदी से मिल जाती है
13) साबरमती
   
यह गुजरात की मुख्य नदी है परंतु यह 29 किलोमीटर राजस्थान के उदयपुर जिले में बहती है। यह नदी पड़रारा, कुंभलगढ़ के निकट से निकलकर दक्षिण की ओर बहती है। इस नदी की कुल लंबाई 317 किलोमीटर है।
14) काटली नदी
   
सीकर जिले के खंडेला पहाड़ियों से यह नदी निकलती है। यह मौसमी नदी है और तोरावाटी उच्च भूमि पर यह प्रवाहित होती है। यह उत्तर में सींकर व झुंझुनू में लगभग 100 किलोमीटर बहने के उपरांत चुरु जिले की सीमा के निकट अदृश्य हो जाती है।
15) साबी नदी
   
यह नदी जयपुर जिले के सेवर पहाड़ियों से निकलकर मानसू, बहरोड़, किशनगढ़, मंडावर व तिजारा तहसीलों में बहने के बाद गुडगाँव (हरियाणा) जिले के कुछ दूर प्रवाहित होने के बाद पटौदी के उत्तर में भूमिगत हो जाती है।
16) मन्था नदी
   
यह जयपुर जिले में मनोहरपुर के निकट से निकलकर अंत में सांभर झील में जा मिलती है।

राजस्थान की प्रमुख झीलें व बांध


जिला
झीलें/बांध
अजमेर
आना सागर, फाई सागर, पुष्कर, नारायण सागर बांध
अलवर
राजसमन्द, सिलीसेढ़
बाँसवाड़ा  
बजाज सागर बांध, कहाणा बांध
भरतपुर
शाही बांध, बारेण बांध, बन्ध बरेठा बांध
भीलबाड़ा
सरेपी बांध, उन्मेद सागर, मांड़लीस, बखड़ बांध, खाड़ी बांध, जैतपुर बांध
बीकानेर  
गजनेर, अनुप सागर, सूर सागर, कोलायतजी
बूंदी  
नवलखाँ झील
चित्तौड़गढ़
भूपाल सागर, राणा प्रताप सागर
चुरु  
छापरताल
धौलपुर
तालाबशाही
डूंगरपुर
गौरव सागर
जयपुर
गलता, रामगढ़ बांध, छापरवाड़ा
जैसलमेर
धारसी सागर, गढ़ीसर, अमर सागर, बुझ झील
जोधपुर
बीसलपुर बांध, बालसमन्द, प्रताप सागर, उम्मेद सागर, कायलाना, तख्त सागर, पिचियाक बांध
कोटा
जवाहर सागर बांध, कोटा बांध
पाली
हेमा बास बांध, जवाई बांध, बांकली, सरदार समन्द
सिरोही
नक्की झील (आबू पर्वत)
उदयपुर
जयसमन्द, राजसमन्द, उदयसागर, फतेह सागर, स्वरुप सागर और पिछोला

जिलानुसार राजस्थान की नदियां


जिला
प्रवाहित होने वाली नदियां
अजमेर
सागरमती, सरस्वती, खारी, डाई, बनास
अलवर
साबी, रूपारेल, काली, गौरी, सोटा
उदयपुर
बनास, बेड़च, वाकल, सोम, जाखम, साबरमती
कोटा
चम्बल, काली, सिंध, पार्वती, आउ, नवेजा, परबन
गंगानगर
घग्घर
चित्तौड़गढ़
बनास, बेड़च, बामणी, बागली, बागन, औराई, गम्भीरी, सीबना, जाखम, माही
चूरू
कोई नदी नहीं
जयपुर
बाणगंगा, बांडी, ढूंढ, मोरेल, साबी, डाई, सखा, माशी
जालौर
लूनी, बांडी, जवाई, सूकड़ी
जैसलमेर
काकनेय, लाठी, चांघण, धडआ, धोगड़ी
जोधपुर
लूनी, माठड़ी, जोजरी
झालावाड़
कालीसिंध, पार्वती, छोटी कालीसिंध, निववाज
झुंझुनू
कांतली
टोंक
बनास, माशी, बांडी
डूंगरपुर
सोम, माही, सोनी
नागौर
लूनी
पाली
लीलड़ी, बांडी, सूकड़ी, जवाई
बाड़मेर
लूनी, सूकड़ी
बांसवाड़ा
माही, अन्नास, चैनी
बीकानेर
कोई नदी नहीं
बूंदी
कुराल
भरतपुर
चम्बल, बरहा, बाणगंगा, गंभीरी, पार्वती
भीलवाड़ा
बनास, कोठारी, बेड़च, मेनाली, मानसी, खारी
सवाई माधोपुर
चम्बल, बनास, मोरेल
सिरोही
पं. बनास, सूकड़ी, पोसालिया, खाती, खिशनावती, भूला और सुखदा
सीकर
कान्तली, मन्था, पावटा, कावंत
धौलपुर
चम्बल
दौसा
मोरेल, बाणगंगा
बारां
पार्वती, कुकू, परवान
राजसमंद
बनास, चंद्रभागा, खारी
                                    regards bharat choudhary rajasthanstudies.blogspot.com

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