India - U.S. Relations
भारत-अमेरिका संबंध
वर्ष 2008 भारत तथा अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों के मामले में अत्यंत महत्वपूर्ण वर्ष रहा 10 अक्तूबर, 2008 को वाशिंगटन में भारत-अमेरिका नागरिक परमाणु ऊर्जा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इसकी घोषणा जुलाई 2005 में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की अमेरिका यात्रा के दौरानकी गई थी। भारत ने पहली अगस्त, 2008 को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के साथ भारत विशिष्ट सुरक्षा समझौता किया, इससे अमेरिका का रास्ता साफ हुआ कि कोंडालिजा राईस ने वाशिंगटन में 10 अक्तूबर, 2008 को हस्ताक्षर किए। इससे दोनों देशों के संबंध मजबूत हुए हैं तथा आर्थिक और उच्च तकनीकी के क्षेत्र में सहयोग के नये अवसर खुले हैं।आर्थिक तथा वाणिज्यक संबंधों के अतिरिक्त रक्षा सहयोग तथा जनता के बीच सहयोग प्राथमिकता के अन्य मुख्य मुददे हैं। वैश्विक मुददों पर साझी सोच तथा उर्जा, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, कृषि आदि के क्षेत्र में सहयोग के संबंधों में और मजबूत आएगी
वर्ष के दौरान अन्य उच्चस्तरीय यात्राएं भी आयोजित की गई। सितंबर, 2008 में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह वाशिंगटन यात्रा पर गए। राष्ट्रपति बुश के साथ मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की तथा जुलाई, 2005 के संयुक्त वक्तव्य में उल्लिखित मुददों की प्रगति पर संतोष जताया। यह संयुक्त वक्तव्य जुलाई, 2005 में प्रधानमंत्री की वाशिंगटन यात्रा तथा मार्च 2006 में राष्ट्रपति बुश की भारत यात्रा के दौरान जारी किए थे।
अमेरिका विदेश मंत्री डॉ. कोंडालिजा राईस अक्तूबर 2008 में भारत यात्रा पर आई तथा विदेश मंत्री श्री प्रणव मुखर्जी से चर्चा की। श्री मुखर्जी 24-25 मार्च, 2008 को वाशिंगटन यात्रा पर गए। वहां उन्होंने डॉ. राईस के अलावा राष्ट्रपति बुश से भी मुलाकात की। वे कार्नेज फाउंडेशन के विद्वानों से भी मिले। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह भी नवंबर, 2008 में जी- 20 सम्मेलन में भाग लेने वाशिंगटन गए।
अमरीकी अंडर सेक्रेटरी फार पालिटिकल अफेयर्स श्री विलियम बर्न्स 10-13 जून, 2009 तक भारत यात्रा पर आए। उन्होंने विदेश सचिव से मुलाकात कर सहयोग के नये मुददों पर विचार- विमर्श किया। श्री बर्न्स ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर उन्हें राष्ट्रपति ओबामा का पत्र सौंपा। श्री बर्न्स ने विदेश मंत्री, गृह मंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्री,योजना आयोग के उपाध्यक्ष तथा विपक्ष के नेता से भी मुलाकात की
अमेरिका - भारत व्यापार परिषद् की 34वीं वर्षगांठ के अवसर पर वाणिज्य तथा उद्योग मंत्री श्री आनंद शर्मा ने 16-19 जून, 2009 को वाशिंगटन यात्रा की। उन्होंने राजदूत रॉन क्रिक, अमरीकी व्यापार प्रतिनिधियों से भेंट कर भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर विचार- विमर्श किया। उन्होंने अमरीकी वाणिज्य मंत्री गैरी लॉक तथा सुश्री हिलेरी क्लिंटन से भी भेंट की।
अमरीकी सुरक्षा सलाहकार जनरल जेम्स जान्स 25-26 जून, 2009 को भारत यात्रा पर आए। उन्होंने भारत के सुरक्षा सलाहकार से भेंट कर साझे हित के वैश्विक मुददों तथा सुरक्षा सहयोग पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने प्रधानमंत्री तथा रक्षामंत्री से भी मुलाकात की। अमरीकी सेक्रेटरी आफ स्टेट सुश्री हिलेरी क्लिंटन 17-21 जुलाई, 2009 को भारत यात्रा पर आई। उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात की तथा विदेश मंत्री से प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत की। उनकी पांच दिवसीय यात्रा से भारत- अमेरिका संबंधों को मजबूती मिली। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने तीसरे चरण में भारत-अमरीकी संबंधों के लिए नये एजेंडे की संयुक्त रूप से घोषणा की ( इसे अमरीकी विदेश मंत्री ने 3.0 के रूप में परिभाषित किया)। इन्हें संबंधों को पांच-स्तंभों के रूप में वर्गीकृत किया गया, जो इस प्रकार हैं-
- विज्ञान एव प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य तथा रचनात्मकता,
- राजनीतिक सहयोग,
- उर्जा तथा जलवायु परिवर्तन,
- शिक्षा एवं विकास तथा
- आर्थिक व्यापार एवं कृषि। जस्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, जलवायु परिवर्तन तथा राजनीतिक मुददों पर विचार- विमर्श किया गया। प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करत हुए सुश्री क्लिंटन ने कहा कि भारत- अमरीकी संबंधों की मजबूती उनके लिए व्यक्तिगत प्राथमिकता है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी समझौते में भारत अमरीककी बोर्ड बनाने और संयुक्त अनुसंधान और विकास, मौलिकता, उद्यम शीलता को बढ़ावा देने के लिए स्थायी कोष कायम करने तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संबंधी गतिविधियों के व्यापारीकरण का प्रावधान है। प्रौद्योगिकी सुरक्षा समझौते में भारत को इस बात की अनुमति दी गई हैकि वह किसी तीसरे देश के ऐसे सिविल या गैर वाणिज्यिक उपग्रहों का प्रक्षेपण कर सकता है, जो अमरीकी मूल के हों और जिनमें अमरीकी कलपुर्जे लगे हों। दोनों पक्षों के बीच इस बात पर भी सहमति हुई है कि भारत सरकार के लिए अमेरिका से हासिल किए जाने वाले प्रस्तावित और मंजूर किए गए उपकरणों के प्रस्ताव पत्रों में अंतिम उपयोग निगरानी व्यवस्था कायम की जायेगी।
यात्रा के दौरान एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया, जिसमें भारत-अमरीकी संबंधों के महत्व और दोनों देशों द्वारा अमल की जाने वाली वैश्विक एवं द्विपक्षीय कार्यसूची पर प्रकाश डाला गया। सेक्रेटरी क्लिंटन की यात्रा का लक्ष्य निहितार्थ अत्यंत उच्च था। दोनों देशों ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया और भारत-अमरीकी सामरिक भागीदारी को सुदृढ़ बनाने के प्रति वचनबद्धता की पुष्टि की। वे पूसा संस्थान, दिल्ली विश्वविद्यालय और गुड़गांव स्थित आईटीसी ग्रीन बिल्डिंग देखने भी गई। उन्होंने राष्ट्रपति ओबामा की ओर से 24 नवंबर, 2009 को अमेरिका की सरकारी यात्रा का निमंत्रण भी प्रधानमंत्री को दिया। अमेरिका की नई सरकार द्वारा किसी राष्ट्र या शासनाध्यक्ष को सरकारी यात्रा के लिए दिया जाने वाला यह पहला निमंत्रण था।
रक्षा और सुरक्षा Defence and security
भारत-अमेरिका वरिष्ठ प्रौद्योगिकी एंव सुरक्षा समूह की पांचवी बैठक 11-12 मई, 2009 को वाशिंगटन, अमेरिका में हुई। रक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव श्री एसके माथुर और अमरीकी रक्षा विभाग में डिफेंस के डिप्टी अंडर सेक्रेटरी और रक्षा प्रौद्योगिकी, सुरक्षा प्रशासन के कार्यकारी निदेशक श्री जेम्स हर्स्क ने संयुक्त रूप से बैठक की अध्यक्षता की। प्रौद्योगिकी हस्तातंरण और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग जैसे मुद्दों पर बैठक में विचार किया गया।अमरीकी प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल टिमोथी जे कीटिंग ने 13-15 मई, 2009 के दौरान भारत की यात्रा की और भारत सरकार के साथ क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति, आतंकवाद और समुद्री सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर विचार विमर्श किया। उन्होंने विदेश सचिव, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और नौसेना अध्यक्ष से मुलाकात की।
विदेश मंत्रालय में विशेष सचिव श्री विवेक काटजू ने 17 जून, 2009 को वाशिंगटन में आतंकवाद विरोधी भारत-अमरीकी संयुक्त कार्यदल की 11वीं बैठक के लिए भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व किया। बैठक में कार्यदल के सदस्यों ने आतंकवाद की रोकथाम और वित्तीय कार्रवाई कार्यदल में भारत की सदस्यता से संबंधित व्यापक मुद्दों पर विचार विमर्श किया।
ऊर्जा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी भागीदारी
energy and science and technology cooperation
भारत-अमरीकी असैनिक परमाणु कार्यदल की दूसरी बैठक इडाहो, अमेरिका में 28-30 अप्रैल, 2009 के दौरान आयोजित की गई। परमाणु ऊर्जा विभाग में सामरिक आयोजन समूह के निदेशक डॉ. आर.बी ग्रोवर और अमरीकी ऊर्जा विभाग में कार्यकारी सहायक सेक्रेटरी श्री शेन जॉनसन ने संयुक्त रूप से बैठक की अध्यक्षता की दोनों देशों ने परमाणु ऊर्जा और रिएक्टरों के क्षेत्र में सहयोग के क्षेत्रों की पहचान की।भारत सरकार के संबंद्ध मंत्रालयों के अधिकारियों और उद्योग प्रतिनिधियों के शिष्टमंडल ने 18-21 मई, 2009 के दौरान एटलांटा, अमेरिका में बायो 2009 प्रदर्शनी में हिस्सा लिया। भारत की प्रमुख फार्मास्युटिकल और जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों तथा भारत सरकार के मंत्रालयों ने अपनी प्रौद्योगिकी क्षमताएं प्रदर्शित की तथा जैव प्रौद्योगिकी निर्यात और अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं की खोज की।
द्विपक्षीय उच्च प्रौद्योगिकी सहयोग समूह के अंतर्गत भारत-अमरीकी जैव प्रौद्योगिकी एवं लाइफ साइंसिज कार्यदल की बैठक 20 मई, 2009 को अटलांटा में बायो 2009 प्रदर्शनी के अवसर पर हुई। बैठक के वैध आनुवंशिकी और कृत्रिम के बीच अंतर, बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित मुद्दों जैसे डाटा संरक्षण, परंपरागत जानकारी प्रकटीकरण संबंधी मानदंडों,नियाकम फ्रेमवर्क में संतुलन कायम करने में क्षमता निर्माण और अनुसंधान एवं विकास में सहयोग जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
ओबामा प्रशासन ने अपना पहला शिष्टमंडल अमरीकी नागरिक अधिकार नेता डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर की भारत यात्रा की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर 15-24 फरवरी, 2009 के दौरान भारत भेजा। इसका उद्देश्य महात्मा गांधी की शिक्षाओं का अध्ययन करना था। शिष्टमंडन में डॉ. किंग के सबसे बड़े पुत्र डॉ. मार्टिन लूथर किंग तृतीय भी शामिल थे। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि एम्बेसडर रिचर्ड हॉलब्रुक 15-16 फरवरी के दौरान भारत की यात्रा पर आए। उन्होंने 16 फरवरी को विदेश मंत्री श्री प्रणब मुखर्जी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश सचिव के साथ भेंट की और उनके साथ अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान की स्थति पर विचार-विमर्श किया।
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