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Monday 3 December 2012

Ranthambhore national park


Ranthambhore national park
रणथम्भौर नेशनल पार्क ऐसा पार्क है, जहां हमें इतिहास और प्रकृति दोनों को पास से निहारने का मौका मिलेगा। इतना ही नहीं, पार्क के अन्दर डरावना सा एक किला भी है, जो 10वीं शताब्दी में बनाया गया है, लेकिन उत्तरी और मध्य भारत के कई शासकों ने इसमें तमाम परिवर्तन किए हैं। यह पार्क अरावली पहाड़ियों और विंध्य भूभाग को जोड़ता है। साथ ही यहां के समतल और सीधे पहाड़ भी पर्यटकों को खूब लुभाते हैं। यह पार्क दो तरफ से नदियों से घिरा है। उत्तरी तरफ बनास और दक्षिणी तरफ चंबल नदी पड़ती है।

उत्तर भारत के प्रमुख बड़े नेशनल पार्कों में रणथम्थौर पार्क भी शामिल है। यह सवाई माधोपुर जिले में पड़ता है। मौजूदा समय वाइल्ड लाइफ प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए यह प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। इस पार्क की लंबाई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह मानसिंह सैंक्चुरी और कैला देवी सैक्चुरी तक फैला है। दिन के समय चीतों को मस्ती करते हुए आसानी से देखा जा सकता है।
प्रकृति और वाइल्ड लाइफ प्रेमियों के लिए इससे अच्छी जगह और नहीं हो सकती है। यहां चीतों के अलावा तेंदुआ, नीलगाय, सांभर, भालू और चीतल के साथ-साथ मन को प्रसन्न करने वाली तरह-तरह की चिड़ियों की अठखेलियों को देखने का मौका मिलेगा, जो जीवन भर यादगार होगा। पार्क के साथ-साथ रणथम्थौर किला और जोगी महल भी लोगों को आकर्षित करते हैं।

इस पार्क की स्थापना 1955 में सवाई माधोपुर गेम सैंक्चुरी के रूप में भारत सरकार ने की थी। 1973 में टाइगर प्रोजेक्ट रिजर्व्स घोषित किया और 1980 में रणथम्भौर नेशनल पार्क बनाया गया। 1984 में पास के जंगल को सवाई मानसिंह सैंक्चुरी और कैलादेवी सैंक्चुरी घोषित किया गया। 1991 में इन दोनों को टाइगर रिजव्र्स में शामिल कर लिया गया।

किसलिए प्रसिद्ध है पार्क
पार्क मुख्य रूप से चीतों के लिए जाना जाता है। इसके अलावा पार्क की लोकेशन ऐसी जगह है, जहां प्रकृति से जुड़ी तमाम चीजों को सिर्फ देखा जा सकता है, बल्कि छूकर एहसास भी किया जा सकता है।

पार्क में और क्या है खास
बकौला, कचिडा वैली, लर्काडा और अनंतपुरा, राजबाग, पद्म तलाओ, राजबाग तलाओ और मलिक तलाओ आदि प्रमुख आकर्षण के केन्द्र हैं।

जानकारी
यह पार्क राजस्थान में है, जो दिल्ली से 450 किलोमीटर और जयपुर से 185 किलोमीटर दूर पड़ता है। किला पार्क के मुख्य द्वार से करीब 3 किलोमीटर अंदर पड़ता है। यहां आने के लिए सबसे अच्छा समय मार्च और अप्रैल का महीना होता है, जब जानवर पानी की तलाश में बाहर निकलते हैं और उन्हें आसानी से देखा जा सकता है।

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