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Saturday 29 June 2013

Origin of the Species: Human who was born ... The evolution of animal origin Hinduism

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डार्विन की एक प्रसिद्ध किताब का नाम है Origin of Species (प्रजाति की उत्पत्ति)। इस किताब को डार्विन ने अपने थका देने वाले शोध और दुनियाभर के द्वीपों की प्रजातियों का अध्ययन करने के बाद लिखा था। इस किताब का ईसाई धर्म और उससे जुड़ी विचारधारा ने घोर विरोध किया, क्योंकि उनके अनुसार डार्विन का शोध धर्म के खिलाफ था। यह किताब जीव विकास क्रम का धर्म में उल्लेखित सिद्धांत का विरोध करती है। धर्म अनुसार ईश्वर ने मानव को मिट्टी से डायरेक्ट बनाया है। मानव क्रम विकास से नहीं बना।

उत्पत्ति-1
हम विज्ञान के क्रम विकास के सिद्धांत की बात करते हैं। विज्ञान मानता है कि मछली की उत्पत्ति धरती पर जीव विकासक्रम में पहली ऐसी बड़ी घटना थी जिसने जीव विकास के चक्र को और तेज कर दिया। सबसे पहले जलीय जीव (Aquatic Organism) आए।

The contribution of women in the Indian freedom movement

स्‍वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं का योगदान


1857 की क्रांति के बाद हिंदुस्‍तान की धरती पर हो रहे परिवर्तनों ने जहाँ एक ओर नवजागरण की जमीन तैयार की, वहीं विभिन्‍न सुधार आंदोलनों और आधुनिक मूल्‍यों और रौशनी में रूढिवादी मूल्‍य टूट रहे थे, हिंदू समाज के बंधन ढीले पड़ रहे थे और स्त्रियों की दुनिया चूल्‍हे-चौके से बाहर नए आकाश में विस्‍तार पा रही थी। 

इतिहास साक्षी है कि एक कट्टर रूढिवादी हिंदू समाज में इसके पहले इतने बड़े पैमाने पर महिलाएँ सड़कों पर नहीं उतरी थीं। पूरी दुनिया के इतिहास में ऐसे उदाहरण कम ही मिलते हैं। गाँधी ने कहा था कि हमारी माँओं-बहनों के सहयोग के बगैर यह संघर्ष संभव ही नहीं था। जिन महिलाओं ने आजादी की लड़ाई को अपने साहस से धार दी, उनका जिक्र यहाँ लाजिमी है

Teachers' Day: interesting details






भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है जबकि अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस का आयोजन 5 अक्टूबर को होता है। रोचक तथ्य यह है कि शिक्षक दिवस दुनिया भर में मनाया जाता है लेकिन सबने इसके लिए एक अलग दिन निर्धारित किया है। कुछ देशों में इस दिन अवकाश रहता है तो कहीं-कहीं यह कामकाजी दिन ही रहता है।

यूनेस्को ने 5 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस घोषित किया था। साल 1994 से ही इसे मनाया जा रहा है। शिक्षकों के प्रति सहयोग को बढ़ावा देने और भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शिक्षकों के महत्व के प्रति जागरूकता लाने के मकसद से इसकी शुरुआत की गई थी।